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राजधार साइडिंग के विस्थापितों ने तेज किया आंदोलन, न्यू बिजैन में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक।।

राजधार साइडिंग के विस्थापितों ने तेज किया आंदोलन, न्यू बिजैन में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक।।

संवाददाता/राशीद अंसारी खलारी

खलारी। बुधवार को न्यू बिजैन के देवी मंडप प्रांगण में रैयत विस्थापित मोर्चा की एक अहम बैठक संपन्न हुई, जिसमें राजधार साइडिंग से प्रभावित विस्थापितों ने अपने हक के लिए आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया। विस्थापित नेता रंथू गंझू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का संचालन रामचंद्र उरांव और राहुल राम ने संयुक्त रूप से किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य राजधार साइडिंग से जुड़े विस्थापितों की सात-सूत्री मांगों पर गहन विचार-विमर्श करना और आगे की रणनीति बनाना था। मोर्चा ने निर्णय लिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

विस्थापितों की प्रमुख मांगें

रैयत विस्थापित मोर्चा के क्षेत्रीय सचिव रामचंद्र उरांव ने बताया कि 30 तारीख को हुई पिछली वार्ता के मुताबिक, राजधार साइडिंग के विस्थापितों को साइडिंग में ही रोजगार दिया जाना चाहिए। उनकी मांगों में ट्रांसपोर्टिंग, लोडिंग, सैंपलिंग, मुंशी, सुपरवाइजर, हेल्पर, गार्ड और ऑपरेटर जैसे विभिन्न कार्यों में स्थानीय विस्थापितों को प्राथमिकता देना शामिल है। उरांव ने इस बात पर जोर दिया कि बहेरा, कारो, कल्याणपुर, सरैया, ठेठांगी, राजधर, मायापुर, मैक्लुस्कीगंज सहित दर्जनों गांव इस साइडिंग के कारण विस्थापित हुए हैं, और इनमें से अधिकांश गांवों की अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) की ज़मीनें प्रभावित हुई हैं।

दबंगों पर साधा निशाना, प्रशासन से हस्तक्षेप की अपील

बैठक में हाल ही में अखबार में छपी एक खबर का भी खंडन किया गया। रैयत विस्थापित मोर्चा ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन वंचितों के हित में है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दबंग और निहित स्वार्थी तत्व, जो वर्तमान स्थिति का फायदा उठा रहे हैं,और मलाई काट रहे हैं। जो उलझाकर आंदोलन को कमजोर करने मुख्य मुद्दा से ध्यान भटकाकर आंदोलन को दबाना चाहते हैं और मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। मोर्चा ने प्रबंधन और प्रशासन से इस मामले का संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया। बैठक में मुख्य रूप से इकबाल हुसैन,बाबूलाल राम, कर्मा गंझू, पच्चू गंजू, सुरेंद्र राम, राजू करमाली, पंकज दास, देवनाथ महतो, महेश प्रसाद, मनोज प्रजापति, अनूप उरांव, इंद्रजीत उरांव, दीरपाल टाना भगत, विकास खलखो, परतू उरांव, मोहम्मद असलम, हाजी जसीम, मोहम्मद सैफुल्लाह, हाजी परवेज आलम, मोहम्मद एहसान, मोहम्मद मोख्तार , बरतू उरांव सहित सैकड़ों की संख्या में प्रभावित विस्थापित ग्रामीण मौजूद थे। बैठक के समापन पर जोरदार नारेबाजी की गई, जो विस्थापितों के एकजुटता और न्याय के प्रति उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।

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